सॉफ्टवेयर बताएगा इनकम टैक्स नई योजना से भरना सही है या फिर पुरानी से

 


सॉफ्टवेयर बताएगा इनकम टैक्स नई योजना से भरना सही है या फिर पुरानी से


रोहतक। रोहतक रेंज के रोहतक, भिवानी व बहादुरगढ़ के करीब 9 लाख करदाताओं ने अपना रिटर्न भर दिया है, लेकिन अब भी हजारों करदाता बचे हुए हैं। बजट में प्रावधान है कि नए वित्त वर्ष में आयकर दाता, चाहे व्यापारी है या कर्मचारी, उसको बताना होगा कि कौन सी टैक्स पॉलिसी लेंगे। नई लेंगे या पुरानी। आयकर दाता को कौन सी पॉलिसी बेहतर रहेगी, इसके लिए एक्सपर्ट ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें कर्मचारी को केवल अपनी कुल सैलरी व बचत योजनाओं की राशि भरनी होगी।


 

सीए एवं टैक्स एक्सपर्ट संजय थरेजा ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के अंदर प्रावधान किया था कि नई टैक्स पॉलिसी के तहत 5 लाख तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। हालांकि नई पॉलिसी में 100 में से 70 तरह की छूट खत्म कर दी गई हैं। बावजूद इसके वित्त मंत्री ने आयकर दाताओं को नई या पुरानी पॉलिसी में से एक चुनने का विकल्प दिया हुआ है। थरेजा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 मार्च माह में खत्म हो जाएगा। एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2020-21 शुरू होगा। नियमों के तहत कर्मचारियों को अपने विभाग या कंपनी को बताना होगा कि वे पुरानी टैक्स पॉलिसी लेंगे या नई टैक्स पॉलिसी अपनाएंगे। उसी के आधार पर कर्मचारी का टैक्स तय होगा। ताकि रिटर्न लिया जाएगा। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कर्मचारी अपनी कंपनी या विभाग को पॉलिसी तय करके नहीं बताता तो विभाग व कंपनी अपनी मर्जी से आयकर विभाग को पॉलिसी बता सकती है।
एक्सपर्ट ने बनाया सॉफ्टवेयर, कितना बनेगा किस पॉलिसी के तहत टैक्स
आयकर विभाग की प्रदेश स्तरीय ऑडिट टीम में शामिल सीए संजय थरेजा ने बताया कि उन्होंने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसके माध्यम से आम कर्मचारी और व्यापारी आसानी से यह पता लगा सकता है कि उसका नई टैक्स पॉलिसी व पुरानी टैक्स पॉलिसी में कितना-कितना टैक्स बनता है। इसके लिए सॉफ्टवेयर को स्मार्ट फोन के अंदर भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसके अंदर मात्र भाग हैं। पहले भाग में कर्मचारी को अपनी कुल वेतन राशि डालनी होगी। इसके भाग में रियायतों का ब्यौरा भरना होगा, जबकि तीसरे भाग में सेविंग का ब्यौरा भरना होगा। इसके बाद आंकड़े अपने आप अपडेट हो जाएंगे और दोनों टैक्स पॉलिसी के तहत फाइनल आंकड़ा आ जाएगा कि नई पॉलिसी में कर्मचारी को कितना टैक्स देना है और पुरानी पॉलिसी के तहत कितना टैक्स बनता है। सॉफ्टवेयर के लिए https://cutt.ly/hrDjWhD लिंक पर संपर्क किया जा सकता है।